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Shloka: | एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत। सेनयोरुभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम्॥ |
Bhagavad Gita Reference: | 1.24 |
Mahabharata Reference: | 6023024 |
Hindi Trnaslation: | संजय बोले (धृतराष्ट्र से) - हे भरतवंशी राजन् ! निद्रा-विजयी अर्जुन के द्वारा इस तरह के वचन कहने पर अन्तर्यामी भगवान् श्रीकृष्ण ने दोनों सेनाओं के मध्यभाग में पितामह भीष्म और आचार्य द्रोण के सामने तथा सम्पूर्ण राजाओं के सामने श्रेष्ठ रथ को खड़ा करके- ॥२४॥ |
Sandhi-split Shloka: | हे भारत! एवम् गुडाकेशेन उक्तः हृषीकेशः, उभयोः सेनयोः मध्ये,भीष्म-द्रोण-प्रमुखतः सर्वेषाम् च मही-क्षिताम् |
Anvayakrama: | हे भारत! एवम् गुडाकेशेन उक्तः हृषीकेशः, उभयोः सेनयोः मध्ये,भीष्म-द्रोण-प्रमुखतः सर्वेषाम् च मही-क्षिताम्॥ |
Bhagavad Gita Tagged Shloka: | एवम्/AUD उक्तः/KN हृषीकेशः/NS गुडाकेशेन/NS भारत/NS सेनयोः/NP उभयोः/SNV मध्ये/NP स्थापयित्वा/KKS रथोत्तमम्/NP ॥/PUNC 1.24/PUNC ॥/PUNC Tagging scheme used |